Wednesday 27 September 2017

विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं


हर साल
जलाते रावण हम
क्यों मनाते खुशियां
उसे जला कर
पूर्ण ज्ञानी शिव भक्त
था रावण
लेकिन
मरता नहीं वह कभी
अमृत नाभि में है उसके अभी
बार बार जी उठता वह
मानते उसे प्रतीक बुराई का
लेकिन
नहीं मिटा पाते 
बुराई अपने भीतर की
जलाना है रावण
तो
आओ मिटाएं बुराई
जला कर अपने
अंतस का रावण

रेखा जोशी

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