Monday 12 October 2015

नवरात्री

मेरी पूर्व प्रकाशित रचना 

इस वर्ष नवरात्री पर उमा के घर में उत्सव का माहौल था ,उसकी सासू माँ ने देवी माँ से अपनी सुशील बहू के लिए प्रार्थना की थी कि जैसे ही उमा गर्भ धारण करे गी उसकी सास नवरात्रि के हर दिन देवी माँ की पूजा अपने घर में रखवाए गी l पूरे घर में ख़ुशी का माहौल था ,उमा ने शादी के दो वर्ष बाद उसने गर्भ धारण किया था l नवरात्री के पहले दिन घर की साज सफाई कर पूजा आरम्भ की गई ,पंडित को बुलवाया गया उन्होंने बताया ” नवरात्रि में
दुर्गा माता की आराधना का विशेष महत्व होता है। इस समय के तप का फल कई गुना व शीघ्र मिलता है।”परिवार के सभी सदस्य मिल कर हर रोज़ बहुत प्रेम से पूरे नौ दिन तक दुर्गा माँ की पूजा अर्चना करते रहे l 
नवमी को कन्या पूजन पर अड़ोस पड़ोस की सभी कन्याओं को न्योता भेज कर घर में बुलाया गया और उनकी पूजा की गई ल उमा की सास ने भी पूरी निष्ठां से नवरात्री के पूरे नौ दिन तक देवी माँ की अर्चना उपासना की,उसे विश्वास था कि माँ की कृपा से उमा की कोख में उसका पोता ही पल रहा है फिर भी उसने चोरी छुपे गर्भ की जांच करवा डाली जैसे ही उसे पता चला कि उमा की कोख में लड़का नही बल्कि लडकी है तो उस निराशा ने घेर लिया ,वह तो अपने घर का चिराग चाहती थी ,लडकी नही ,उसने एक दिन उमा से कह ही दिया की उसे पोता चाहिए इस लिए वह अपना गर्भ गिरा दे ,उमा को ऐसे लगा जैसे किसी ने उसे आसमान से नीचे पटक दिया हो ,पूरी रात वह सो नही पाई ,सारी रात वह सच्चे मन से माँ की आराधना करती रही l
कहते है देवी माँ कभी भी अपने भक्तों को किसी भी तरह से दुखी नहीं देख सकती है। दुर्गा माँ की आराधना से उनका आशीर्वाद भक्त को सहज ही मिल जाता है जिससे उसे किसी अन्य की सहायता की आवश्यकता ही नहीं पड़ती औ उमा के दिल की आवाज़ को देवी माँ से सुन लिया थाl सुबह होते ही जब उमा की सास ने उसे डाक्टर के पास जाने को कहा तो उसने साहस कर अपनी सास को साफ साफ़ शब्दों में बता दिया कि वह अपना गर्भ नही गिराये गी l उसने अपनी सासू माँ को समझाया ,”जिस देवी माँ की नवरात्रि में हम सब ने कन्या के रूप में पूजा है उसी माँ ने अपने अंश को मेरे पेट में स्थापित कर हम सब को अपना आशीर्वाद दिया है ,अब आप ही बताओ हम उसकी हत्या कैसे कर सकतें है l”उमा की बात सुन कर उसकी सासू माँ चुप हो गई l

रेखा जोशी 

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