Wednesday 7 October 2015

बज उठे तार दिल के पिया


तुम मिले आज अपने लगे 
बिन पँख' आज उड़ने लगे 
.... 
बज उठे तार दिल के पिया 
आज फिर साज़  बजने लगे 
… 
छा गई रोशनी अब यहाँ 
रात में दीप जलने  लगे
....
माँग कर साथ तेरा सजन 
आज अरमान सजने लगे 

प्यार है ज़िंदगी में जहाँ 
फिर ख़ुशी संग चलने लगे 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment