Tuesday 21 July 2015

त्रिवेणी


बंधे है रिश्ते प्रेम नेह के कच्चे धागों से
अनमोल रिश्तों की दुनिया  है  जहाँ में

कराहता दिल जब टूटते स्नेहिल बंधन
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प्रेम से बंधी कान्हा संग गोपियाँ
मधुर बंसी की धुन पर नाचती गोपियाँ

छोड़ गया निर्मोही गोकुल में उन्हें

रेखा जोशी

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