Monday 15 June 2015

तन्हा गुज़र रही अब यह ज़िंदगी हमारी

मन की बात साजन तुम कह गये अकेले
पर  गम  जुदाई  का हम सह गये अकेले
तन्हा गुज़र रही अब  यह ज़िंदगी हमारी
दुनिया  की  भीड़  में  हम रह गये अकेले

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment