Thursday 28 May 2015

हो गये पागल बेचारे मिस्टर किशोर

''तनु वेड्ज़ मनु रिटर्न्ज़ ''फिल्म के एक दृश्य से प्रेरित हो कर मैने यह हास्य व्यंग रच दिया

त्रस्त पत्नी की बातों से
हो गये आपे से बाहर इक रोज़
बेचारे मिस्टर किशोर
कुर्सी मेज डाले सब तोड़
झकझोर दिया पूरा घर
घबरा कर पत्नी ने
लिया बुला डाक्टर को घर
सुला दिया शांत करने
देकर गोली डाक्टर ने
फिर फैल गई झूठी खबर
आग की तरह सब ओर
हो गये पागल अब
बेचारे मिस्टर  किशोर
नींद से जागे जब वह
लज्जित हुये  करनी अपनी पे
जोड़े हाथ पत्नी के आगे
मांगी माफ़ी दिल से
क्रोध बड़ा भयंकर
रखूँ गा खुद पर काबू
पर छूट गया था तीर कमान से
थी फैल चुकी अफवाह चहुँ ओर
गली गली में  मचा शोर
हो गये  पागल
बेचारे मिस्टर  किशोर

रेखा जोशी


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