Friday 27 March 2015

मिल कर हो जायें पार हम दोनों


हम   इक   दूजे  के  ही  सहारे  है 
समय  की  बहती  धार   पुकारे है 
मिल कर  हो जायें  पार हम दोनों 
सुख  दुख जीवन के दो  किनारे है 

रेखा जोशी 


No comments:

Post a Comment