Thursday 5 February 2015

अनवांछित मोड़ [क्षणिका ]

क्षणिका

हँसती मुस्कुराती
ज़िंदगी में जाने क्यों
आ जाते कुछ
अनवांछित मोड़
टूट जाता दिल जब
लगता सुबकने मन
सजल नैनो से
विदा करते अपनों को
सदा सदा के लिए

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment