Tuesday 23 December 2014

कालिया मर्दन

गोकुल में 
यमुना के तट पर 
नटखट नंदलाला 
ग्वालों के संग 
गेंद खेलत गोपाला 
आगे आगे गेंद 
भागे पीछे ग्वाले 
फेंकी गेंद यमुना में 
छवि नाग की देख 
कूद पड़े फिर यमुना में 
मनमोहन  कन्हैया
जा पहुंचे पाताल में
कालिया था जहाँ सोया 
घमासान हुआ 
फिर जल के भीतर
कालिया ने भरी जब फुंकार
काली हो गई यमुना 
रंग हुआ सांवला 
कान्हा श्याम कहलाये
मर्दन कर कालिया का
वापिस गेंद लाये
बंसी की मधुर धुन पर
हुआ चमत्कार
कान्हा का हुआ जयजयकार
पावन हो गई यमुना

रेखा जोशी 




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