Thursday 23 October 2014

हे माता शैलपुत्री

रचना हूँ मै
रचयिता हो तुम 
हे माता शैलपुत्री 
.....................
पूजते तुम्हे 
जगत की जननी
गौरजा दुर्गा 
....................
नव दिन है 
नवरात्री पूजन
कन्या की पूजा
..................
कन्या भ्रूण की
किसलिए आखिर
घोंट दी सांस
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बिना आवाज़
बेरहम समाज
मार दी गई
.................
रचना हूँ मै
रचयिता हो तुम 
हे माता शैलपुत्री 

रेखा जोशी 

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