Saturday 13 September 2014

निभा चुके हम यह प्रीत अब क्या गाऊँ मैं

बुझते आशा के दीप अब क्या गाऊँ मै
रूठे है मेरे गीत अब क्या गाऊँ मै
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सीने में दर्द मेरी भीगी है पलकें
टूटे वीना के तार अब क्या गाऊँ मै
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अब कैसे मनाऊँ तुम्हे मेरे प्रियतम
रूठे है मेरे मीत अब क्या गाऊँ मैं
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तेरे प्यार में हमने खाईं है ठोकर
दुनिया की है यह रीत अब क्या गाऊँ मैं
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बहुत निभायें हमने अब प्यार में वादे
निभा चुके हम यह प्रीत अब क्या गाऊँ मैं

रेखा जोशी

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