Wednesday 26 March 2014

आँसू बहाती याँ फिर गीत गाती है यह ज़िंदगी

हर पल इक नया रूप ले कर आती है यह ज़िंदगी
छोड़ पुराना नएँ  पल में ढल जाती है यह जिंदगी
जीतें  है यहाँ हम सब ख़ुशी और गम के अनेक पल
आँसू बहाती  याँ फिर  गीत गाती है यह ज़िंदगी

रेखा जोशी 

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