Tuesday 19 February 2013

हसीन यादें


लहर पर लहर आती रही,
तुम्हारी हसीन यादें लिए।
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साथ होते जो तुम यादों में ,
आज कुछ और बात होती ।
देती रही यह  दर्द दिल को ,
तुम आते तो और बात होती।|
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कुछ तो बोलो हमदम मेरे,
तुम न जाने कहाँ खो गए ।
चुपके से लिख जाते तुम ,
कोई गजल ख़्वाबों में मेरे ।|
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मचलती लहरों का संगीत ,
समुंद्र की  तरंगों पर गीत ।
इन तन्हाइयों में चुपके से ,
चांदनी रात समुंद्र किनारे ।|
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मुस्कराती हुई वह झलक  ,
काफी थी दीदारे यार की   ।
मेरे महबूब थी क्या खता  ,
जो रुसवा हुई चाहतें मेरी  ।|
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लहर पर लहर आती रही,
तुम्हारी हसीन यादें लिए।

2 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रतुती.

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    1. बहुत ही सुन्दर सी प्रस्तुति.

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